पाचन प्रक्रिया (डाइजेस्टिव प्रोसेस) के दौरान पेट में गैस बनना एक नार्मल प्रक्रिया है और प्रत्येक हेल्थी व्यक्ति दिन में लगभग 10 बार गैस तो निकलता ही है। लेकिन जब पेट में अधिक गैस बनने लगती है और यदि यह ठीक से बाहर न निकल पाए तो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका उल्टा प्रभाव पड़ने लगता है। इसी को पेट की गैस कि समस्या कहा जाता है।
पेट में गैस तब बनती है जब बैक्टीरिया भोजन के कार्बोहायड्रेट को फेर्मेंट (ferment) करते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स आमतौर पर हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल,सब्जियों, अनाज, बीन्स और मटर में पा जाता है। इसलिए यदि आप हाई फाइबर युक्त फूड्स का सेवन अधिक करते हैं तो आपको पेट की गैस समस्या हो सकती है।
पेट में गैस बढ़ने के अन्य कारण हैं – अत्यधिक पानी का सेवन, भोजन को ठीक से चबाकर न खाना, तले-भुने और अत्यधिक तेल युक्त पदार्थों का सेवन, तनाव या डिप्रेशन में रहना, पेट या आंत में बैक्टीरियल इन्फेक्शन होना, पाचन तंत्र में गड़बड़ी होना, अनियमित खानपान और दिनचर्या, आर्टिफीसियल एडिक्टिव (artificial additives) का सेवन करना और कब्ज की समस्या (constipation) होना।
इसके अलावा कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे lactose या gluten intolerant और chronic intestinal condition जैसे irritable bowel syndrome या inflammatory bowel disease होने के कारण भी पेट की गैस हो सकती है।
पेट में गैस होने के लक्षण निम्न हैं – पेट फूलना, खट्टी डकार या सांसों में बदबू आना, भूख कम लगना, पेट में तेज ऐंठन होने और जीभ पर एक मोटी परत बन जाना।
जब पेट में अत्यधिक गैस बनती है तो आपका शरीर इसे ठीक बाहर नहीं निकाल पाता, जिसके कारण पेट में दर्द और एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है।
सौभाग्य से इस समस्या का इलाज बहुत ही आसान है और कुछ सरल घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
यहां पर पेट की गैस के 10 सबसे कारगर घरेलू नुस्खे दिए जा रहे हैं –
पीली सरसों गैस के इलाज में सबसे कारगर खाद्य पदार्थ है और यह आसानी से हर घर में उपलब्ध होती है।
पीली सरसों में एसिटिक एसिड होती है जो पेट की एसिडिटी को कम करती है और पेट की गैस और दर्द में तुरंत आराम प्रदान करती है। साथ ही यह पाचन तंत्र और आंतों को हेल्थी बनाये रखने में मदद करती है।
एक या दो चम्मच रेगुलर पीली सरसों को गर्म पानी में धोकर सेवन करें। आपको 5 से 10 मिनट के अन्दर आराम मिलेगा।
सेब के सिरका को आमतौर पर अपच या खट्टी डकार के इलाज में उपयोग किया जाता है, लेकिन यह गैस को ठीक करने में भी मदद करता है।
सेब के सिरका में मौजूद एंजाइम्स, पाचन को ठीक करते हैं और आपके शरीर को alkalize करने में मदद करते हैं जिससे आपको अत्यधिक गैस से राहत मिलती है और पेट को आरामदायक महसूस होता है। साथ ही, सेब के सिरका का सेवन बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलायें भी कर सकती हैं।
दो चम्मच कच्चे और बिना छने सेब के सिरका को एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं।
अब इस पानी को रूम टेम्परेचर तक ठंडा होने दें और फिर सेवन कर लें।
ऐसा दिन में दो बार करें।
यदि सेब का सिरका उपलब्ध नहीं है तो आप रेगुलर सिरका का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
गैस की समस्या को दूर करने में अदरक काफी फायदेमंद होता है।
अदरक में वमनरोधी शक्ति (antiemetic power) होती है, जो हमारे पेट और आंत से गैस को बाहर निकालने में मदद करती है। असल में, अदरक पेट को खाली करने की प्रक्रिया को तेज कर देता है और पाचन को ठीक करता है जिससे पेट और आंतों को आराम मिलता है।
पेट की गैस को ठीक करने के लिए अदरक का निम्न में से कोई एक उपचार करें –
अदरक, सौंफ और इलाइची को समान मात्रा में मिलाकर मिश्रण बना लें। अब इस मिश्रण की एक चम्मच मात्रा को एक कप पानी में घोल लें और ऊपर से एक चुटकी हींग मिलाकर सेवन करें। इस मिश्रण का सेवन दिन में एक या दो बार करें।
एक कप अदरक के जूस में एक चुटकी हींग मिलाकर रोज सेवन करें।
गैस के अत्यधिक प्रोडक्शन को रोकने के लिए रोज खाना खाने के बाद एक अदरक के टुकड़े को चबाकर खाएं। आप अपने भोजन में भी अदरक को शामिल कर सकते हैं।
अदरक की चाय का सेवन करने से भी पेट की गैस कण्ट्रोल होती है। डेढ़ कप पानी में डेढ़ चम्मच अदरक डालकर गर्म करें, अब इसे 10 मिनट के लिए हल्की आंच में उबलने दें। इस चाय का सेवन दिन में 2 या 3 तीन बार करें। स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और शहद भी डाल सकते हैं।
बेकिंग सोडा को सोडियम बाईकार्बोनेट भी कहा जाता है, यह एक इफेक्टिव एंटासिड की तरह काम करता है और पेट की गैस को बाहर निकालने में काफी मदद करता है। इसमें नींबू मिलाकर इस्तेमाल करने से इसकी प्रभावशीलता और ज्यादा बढ़ जाती है।
एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़ लें।
अब इसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा मिला लें।
अब इसे तुरंत सेवन कर लें। ऐसा करने से आपको इंस्टेंट रिलीफ मिलेगी और पेट दर्द ठीक होगा।
यदि आपके पास नींबू उपलब्ध नहीं है तो आप सिर्फ बेकिंग सोडा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
लेकिन हर बार गैस होने पर बेकिंग सोडा के इस्तेमाल की आदत न डालें। यह सिर्फ एक अस्थायी उपाय है और इसका निरंतर उपयोग करने पर आपकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।
नोट – बेकिंग सोडा का अधिक सेवन न करें, क्यूंकि इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही, जिन लोगों को अपने भोजन में सोडियम से परहेज है या डॉक्टर ने सोडियम लेने से माना किया है वो भी इसका इस्तेमाल न करें।
एक्टिवेटेड में अत्यधिक सोखने की क्षमता (adsorption capacity) होती है, इसलिए यह पेट की गैस और फूलने की समस्या में काफी लाभकारी होता है।
इसमें छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जो पेट और आंतों से गैस को सोखने में मदद करते हैं और तुरंत आराम प्रदान करते हैं।
खाना खाने के दो घंटे पहले या बाद में 500 mg एक्टिवेटेड चारकोल का सेवन करें। इसका सेवन करने के बाद खूब पानी पी लें। एक्टिवेटेड चारकोल बाजार में टेबलेट, कैप्सूल और पाउडर की रूप में आसानी से उपलब्ध होता है। अपने लिए इसका सही डोज जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
दालचीनी आपके पेट को शांत करने में मदद करेगी और गैस बनने की आगे की प्रक्रिया को रोक देगी।
दालचीनी पेट में गैस्ट्रिक एसिड (gastric acid) और पेप्सिन (pepsin) के स्त्राव को बढ़ा देती है जिससे गैस बनने की प्रक्रिया कम होती है।
एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच दालचीनी को घोलकर सेवन करें। स्वादानुसार आप इसमें थोडा सा शहद भी मिला सकते हैं।
या फिर, दालचीनी की चाय का सेवन करें। चाय बनाने के लिए एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी डालकर उबालें। फिर इसे 5 मिनट के लिए ठंडा होने दें और सेवन करें।
गैस और पेट फूलने की समस्या में सौंफ को काफी लाभकारी माना जाता है।
यह एक वायुनाशी (carminative) एजेंट की तरह काम करती है और आंतों से गैस को बाहर निकालती है। यह छोटे बेबीज में होने वाले पेट दर्द में भी काफी फायदेमंदहोती है।
एक चम्मच सौंफ के बीजों को ओखली में कूट लें। अब इसमें एक कप गर्म पानी डाल दें और ढक कर ठंडा होने के लिए रख दें। 5 मिनट के बाद इसे छान लें और चाय की तरह सेवन करें। इसका सेवन दिन में कम से कम एक बार करें। आप इसका सेवन भारी-भरकम भोजन के बाद भी कर सकते हैं, ऐसा करने से पेट में गैस नहीं बनेगी।
आप सौंफ चबाकर भी खा सकते हैं।
या फिर, दो कप पानी में सौंफ, दालचीनी और पुदीना के पत्तों को बराबर मात्रा में डालकर उबालें। फिर छान लें और ठंडा होने के बाद सेवन करें।
कैमोमाइल टी भी पेट की गैस की समस्या को ठीक करने में मदद करती है।
हींग में एन्टीस्पैस्मोडिक (antispasmodic) और antiflatulent प्रॉपर्टीज होती हैं, जो पेट की समस्याओं जैसे गैस, कब्ज, एसिडिटी आदि को ठीक करने में मदद करती हैं।
एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी हींग डालकर अच्छे से घोल लें और सेवन करें। इसका सेवन दिन में दो या तीन बार करें।
या फिर, एक पके केले पर एक चुटकी हींग छिड़ककर सेवन करें। ऐसा दिन में दो बार करें।
पुदीना में मेंथोल होता है जिसमें एन्टीस्पैस्मोडिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो पेनफुल गैस को बाहर निकालने में मदद करती हैं और पेट को आराम प्रदान करती हैं।
2007 में डाइजेस्टिव एंड लिवर डिजीज (Digestive and Liver Disease) में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के अनुसार पेट की समस्याओं जैसे गैस, सूजन, दर्द, बेचैनी, दस्त, कब्ज आदि से पीड़ित मरीजों के लिए पुदीना का तेल काफी लाभदायक होता है।
गैस की समस्या से निपटने के लिए पुदीना को कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है
एक कप उबलते पानी में एक चम्मच ताजा पुदीना की पत्तियां डालकर चाय बनायें। अब इसे 10 मिनट के लिए ठंडा होने दें और फिर शहद मिलाकर सेवन करें। इसका सेवन दिन में 2 या 3 बार करें।
या फिर, आधा कप ठंडे पानी में दो बूंद पुदीना का तेल डालकर सेवन करें। इसका सेवन दिन में दो बार करें।
तुरंत राहत पाने के लिए पुदीना की कुछ पत्तियों को चबाकर खाएं।
आयुर्वेद के अनुसार पेट और आंत की गैस को ठीक करने में छाछ काफी फायदेमंद होती है।
यदि आपको लैक्टोज संवेदनशीलता (lactose sensitivity) के कारण गैस की समस्या हुई है तो आपको लैक्टेज सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए। यह लैक्टोज को पचाने में मदद करेंगे और गैस की समस्या को ठीक करेंगे। अपने लिए इसके सही डोज जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
गैस की समस्या को पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन न करें।
डेरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवन न करें।
एक बार में अत्यधिक खाने की जगह दिन में थोड़ा-थोड़ा खाएं।
खाने को धीरे-धीरे और अच्छी तरह से चबाकर खाएं।
धूम्रपान न करें।
नियमित व्यायाम और योग करें। इससे गैस को बाहर निकलने में आसानी होगी। कुछ योग आसन जैसे पवनमुक्तासन, पर्वतासन और अधोमुख श्वान आसन गैस की समस्या में काफी फायदेमंद होते हैं।
पेट में गैस तब बनती है जब बैक्टीरिया भोजन के कार्बोहायड्रेट को फेर्मेंट (ferment) करते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स आमतौर पर हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल,सब्जियों, अनाज, बीन्स और मटर में पा जाता है। इसलिए यदि आप हाई फाइबर युक्त फूड्स का सेवन अधिक करते हैं तो आपको पेट की गैस समस्या हो सकती है।
पेट में गैस बढ़ने के अन्य कारण हैं – अत्यधिक पानी का सेवन, भोजन को ठीक से चबाकर न खाना, तले-भुने और अत्यधिक तेल युक्त पदार्थों का सेवन, तनाव या डिप्रेशन में रहना, पेट या आंत में बैक्टीरियल इन्फेक्शन होना, पाचन तंत्र में गड़बड़ी होना, अनियमित खानपान और दिनचर्या, आर्टिफीसियल एडिक्टिव (artificial additives) का सेवन करना और कब्ज की समस्या (constipation) होना।
इसके अलावा कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे lactose या gluten intolerant और chronic intestinal condition जैसे irritable bowel syndrome या inflammatory bowel disease होने के कारण भी पेट की गैस हो सकती है।
पेट में गैस होने के लक्षण निम्न हैं – पेट फूलना, खट्टी डकार या सांसों में बदबू आना, भूख कम लगना, पेट में तेज ऐंठन होने और जीभ पर एक मोटी परत बन जाना।
जब पेट में अत्यधिक गैस बनती है तो आपका शरीर इसे ठीक बाहर नहीं निकाल पाता, जिसके कारण पेट में दर्द और एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है।
सौभाग्य से इस समस्या का इलाज बहुत ही आसान है और कुछ सरल घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
यहां पर पेट की गैस के 10 सबसे कारगर घरेलू नुस्खे दिए जा रहे हैं –
1. पीली सरसों (Yellow Mustard)
पीली सरसों गैस के इलाज में सबसे कारगर खाद्य पदार्थ है और यह आसानी से हर घर में उपलब्ध होती है।
पीली सरसों में एसिटिक एसिड होती है जो पेट की एसिडिटी को कम करती है और पेट की गैस और दर्द में तुरंत आराम प्रदान करती है। साथ ही यह पाचन तंत्र और आंतों को हेल्थी बनाये रखने में मदद करती है।
एक या दो चम्मच रेगुलर पीली सरसों को गर्म पानी में धोकर सेवन करें। आपको 5 से 10 मिनट के अन्दर आराम मिलेगा।
2. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
सेब के सिरका को आमतौर पर अपच या खट्टी डकार के इलाज में उपयोग किया जाता है, लेकिन यह गैस को ठीक करने में भी मदद करता है।
सेब के सिरका में मौजूद एंजाइम्स, पाचन को ठीक करते हैं और आपके शरीर को alkalize करने में मदद करते हैं जिससे आपको अत्यधिक गैस से राहत मिलती है और पेट को आरामदायक महसूस होता है। साथ ही, सेब के सिरका का सेवन बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलायें भी कर सकती हैं।
दो चम्मच कच्चे और बिना छने सेब के सिरका को एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं।
अब इस पानी को रूम टेम्परेचर तक ठंडा होने दें और फिर सेवन कर लें।
ऐसा दिन में दो बार करें।
यदि सेब का सिरका उपलब्ध नहीं है तो आप रेगुलर सिरका का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
3. अदरक (Ginger)
गैस की समस्या को दूर करने में अदरक काफी फायदेमंद होता है।
अदरक में वमनरोधी शक्ति (antiemetic power) होती है, जो हमारे पेट और आंत से गैस को बाहर निकालने में मदद करती है। असल में, अदरक पेट को खाली करने की प्रक्रिया को तेज कर देता है और पाचन को ठीक करता है जिससे पेट और आंतों को आराम मिलता है।
पेट की गैस को ठीक करने के लिए अदरक का निम्न में से कोई एक उपचार करें –
अदरक, सौंफ और इलाइची को समान मात्रा में मिलाकर मिश्रण बना लें। अब इस मिश्रण की एक चम्मच मात्रा को एक कप पानी में घोल लें और ऊपर से एक चुटकी हींग मिलाकर सेवन करें। इस मिश्रण का सेवन दिन में एक या दो बार करें।
एक कप अदरक के जूस में एक चुटकी हींग मिलाकर रोज सेवन करें।
गैस के अत्यधिक प्रोडक्शन को रोकने के लिए रोज खाना खाने के बाद एक अदरक के टुकड़े को चबाकर खाएं। आप अपने भोजन में भी अदरक को शामिल कर सकते हैं।
अदरक की चाय का सेवन करने से भी पेट की गैस कण्ट्रोल होती है। डेढ़ कप पानी में डेढ़ चम्मच अदरक डालकर गर्म करें, अब इसे 10 मिनट के लिए हल्की आंच में उबलने दें। इस चाय का सेवन दिन में 2 या 3 तीन बार करें। स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और शहद भी डाल सकते हैं।
4. बेकिंग सोडा और नींबू
बेकिंग सोडा को सोडियम बाईकार्बोनेट भी कहा जाता है, यह एक इफेक्टिव एंटासिड की तरह काम करता है और पेट की गैस को बाहर निकालने में काफी मदद करता है। इसमें नींबू मिलाकर इस्तेमाल करने से इसकी प्रभावशीलता और ज्यादा बढ़ जाती है।
एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़ लें।
अब इसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा मिला लें।
अब इसे तुरंत सेवन कर लें। ऐसा करने से आपको इंस्टेंट रिलीफ मिलेगी और पेट दर्द ठीक होगा।
यदि आपके पास नींबू उपलब्ध नहीं है तो आप सिर्फ बेकिंग सोडा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
लेकिन हर बार गैस होने पर बेकिंग सोडा के इस्तेमाल की आदत न डालें। यह सिर्फ एक अस्थायी उपाय है और इसका निरंतर उपयोग करने पर आपकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।
नोट – बेकिंग सोडा का अधिक सेवन न करें, क्यूंकि इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही, जिन लोगों को अपने भोजन में सोडियम से परहेज है या डॉक्टर ने सोडियम लेने से माना किया है वो भी इसका इस्तेमाल न करें।
5. एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal)
एक्टिवेटेड में अत्यधिक सोखने की क्षमता (adsorption capacity) होती है, इसलिए यह पेट की गैस और फूलने की समस्या में काफी लाभकारी होता है।
इसमें छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जो पेट और आंतों से गैस को सोखने में मदद करते हैं और तुरंत आराम प्रदान करते हैं।
खाना खाने के दो घंटे पहले या बाद में 500 mg एक्टिवेटेड चारकोल का सेवन करें। इसका सेवन करने के बाद खूब पानी पी लें। एक्टिवेटेड चारकोल बाजार में टेबलेट, कैप्सूल और पाउडर की रूप में आसानी से उपलब्ध होता है। अपने लिए इसका सही डोज जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
6. दालचीनी (Cinnamon)
दालचीनी आपके पेट को शांत करने में मदद करेगी और गैस बनने की आगे की प्रक्रिया को रोक देगी।
दालचीनी पेट में गैस्ट्रिक एसिड (gastric acid) और पेप्सिन (pepsin) के स्त्राव को बढ़ा देती है जिससे गैस बनने की प्रक्रिया कम होती है।
एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच दालचीनी को घोलकर सेवन करें। स्वादानुसार आप इसमें थोडा सा शहद भी मिला सकते हैं।
या फिर, दालचीनी की चाय का सेवन करें। चाय बनाने के लिए एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी डालकर उबालें। फिर इसे 5 मिनट के लिए ठंडा होने दें और सेवन करें।
7. सौंफ (Fennel)
गैस और पेट फूलने की समस्या में सौंफ को काफी लाभकारी माना जाता है।
यह एक वायुनाशी (carminative) एजेंट की तरह काम करती है और आंतों से गैस को बाहर निकालती है। यह छोटे बेबीज में होने वाले पेट दर्द में भी काफी फायदेमंदहोती है।
एक चम्मच सौंफ के बीजों को ओखली में कूट लें। अब इसमें एक कप गर्म पानी डाल दें और ढक कर ठंडा होने के लिए रख दें। 5 मिनट के बाद इसे छान लें और चाय की तरह सेवन करें। इसका सेवन दिन में कम से कम एक बार करें। आप इसका सेवन भारी-भरकम भोजन के बाद भी कर सकते हैं, ऐसा करने से पेट में गैस नहीं बनेगी।
आप सौंफ चबाकर भी खा सकते हैं।
या फिर, दो कप पानी में सौंफ, दालचीनी और पुदीना के पत्तों को बराबर मात्रा में डालकर उबालें। फिर छान लें और ठंडा होने के बाद सेवन करें।
कैमोमाइल टी भी पेट की गैस की समस्या को ठीक करने में मदद करती है।
8. हींग (Asafetida)
हींग में एन्टीस्पैस्मोडिक (antispasmodic) और antiflatulent प्रॉपर्टीज होती हैं, जो पेट की समस्याओं जैसे गैस, कब्ज, एसिडिटी आदि को ठीक करने में मदद करती हैं।
एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी हींग डालकर अच्छे से घोल लें और सेवन करें। इसका सेवन दिन में दो या तीन बार करें।
या फिर, एक पके केले पर एक चुटकी हींग छिड़ककर सेवन करें। ऐसा दिन में दो बार करें।
9. पुदीना
पुदीना में मेंथोल होता है जिसमें एन्टीस्पैस्मोडिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो पेनफुल गैस को बाहर निकालने में मदद करती हैं और पेट को आराम प्रदान करती हैं।
2007 में डाइजेस्टिव एंड लिवर डिजीज (Digestive and Liver Disease) में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के अनुसार पेट की समस्याओं जैसे गैस, सूजन, दर्द, बेचैनी, दस्त, कब्ज आदि से पीड़ित मरीजों के लिए पुदीना का तेल काफी लाभदायक होता है।
गैस की समस्या से निपटने के लिए पुदीना को कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है
एक कप उबलते पानी में एक चम्मच ताजा पुदीना की पत्तियां डालकर चाय बनायें। अब इसे 10 मिनट के लिए ठंडा होने दें और फिर शहद मिलाकर सेवन करें। इसका सेवन दिन में 2 या 3 बार करें।
या फिर, आधा कप ठंडे पानी में दो बूंद पुदीना का तेल डालकर सेवन करें। इसका सेवन दिन में दो बार करें।
तुरंत राहत पाने के लिए पुदीना की कुछ पत्तियों को चबाकर खाएं।
10. छाछ (Buttermilk)
आयुर्वेद के अनुसार पेट और आंत की गैस को ठीक करने में छाछ काफी फायदेमंद होती है।
छाछ में भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक मिक्रोब्सए जाते हैं जो पाचन बढ़ाते हैं और कब्ज और गैस को बनने से रोकते हैं। यह पेट फूलने की समस्या और एसिडिटी में भी फायदेमंद होती है।
छाछ में अजवाइन और सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से इसका ज्यादा लाभ मिलता है।
एक कप छाछ में एक चम्मच अजवाइन और सेंधा नामक मिलाकर सेवन करें।
आप छाछ में सुखा अदरक और सेंधा नामक मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
इसका सेवन रोज एक या दो बार करें।
अतिरिक्त टिप्स
यदि आपको लैक्टोज संवेदनशीलता (lactose sensitivity) के कारण गैस की समस्या हुई है तो आपको लैक्टेज सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए। यह लैक्टोज को पचाने में मदद करेंगे और गैस की समस्या को ठीक करेंगे। अपने लिए इसके सही डोज जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
गैस की समस्या को पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन न करें।
डेरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवन न करें।
एक बार में अत्यधिक खाने की जगह दिन में थोड़ा-थोड़ा खाएं।
खाने को धीरे-धीरे और अच्छी तरह से चबाकर खाएं।
धूम्रपान न करें।
नियमित व्यायाम और योग करें। इससे गैस को बाहर निकलने में आसानी होगी। कुछ योग आसन जैसे पवनमुक्तासन, पर्वतासन और अधोमुख श्वान आसन गैस की समस्या में काफी फायदेमंद होते हैं।
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